भीलवाडा। (पंकज पोरवाल) जिला साहित्यकार परिषद् द्वारा मासिक काव्य गोष्ठी का आयोजन स्थानीय सिन्धुनगर स्थित हेमू कालाणी विद्यालय परिसर में किया गया। गोष्ठी में विभिन्न विषयों पर सप्तरंगी हृदय स्पर्शी सशक्त रचनाएं प्रस्तुत की गई। इस माह शादियों का मौसम होने से बेटी एवं माँ पर भी कई कवियों ने शानदार रचनायंे प्रस्तुत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता दयाराम मेठानी ने एवं संचालन महेन्द्र शर्मा ने किया। गोष्ठी सरस्वती वंदना से आरंभ हुई। सर्वप्रथम योगेन्द्र कुमार सक्सेना ने, ''नन्ही चिरैया आज चली परदेश'', बंसीलाल पारस ने ''वंदे मातरम् भारत के भाल से कोई मिटा नहीं सकता'', शिखा बाहेती ने ''बेटी को जन्म दिया, पाला पोसा बड़ा किया, फिर भी लोग पराया धन कहते'', दीपिका शर्मा ने ''पांच तत्वों का पिंजरा पांच तत्वों में होता विलीन'', ओम उज्जवल ने ''हल्की हल्की प्यारी प्यारी सर्दी अच्छी लगती है'', शशि ओझा ने ''आया युग कैसा माँ ममता और संस्कार अब कहाँ है'', राजेश मित्तल ने ''तन का किस्सा अलग है पर मन में सब आबाद है'', दिव्या ओबेराय ने ''विश्वास की डोर यों टूटी जैसे बिखरी हुई माला के मोती'', दिनेश दीवाना ने ''तेरी आँखों में जब नमी होती है, मुझमें ही कोई कमी होती है'', चित्रा भाटिया ने ''नौकरी पर बेटा परदेश, रोज बुलाऊं बेटा घर कब आओगे'', अवधेश जौहरी ने ''अम्मा तुझ बिन सब सूना सूना लगता है'', महेन्द्र शर्मा ने ''सुख की हर तलाश के पीछे पीड़ा का पुश्तैनी घर है'', दयाराम मेठानी ने ''पानी मंहगा पसीना सस्ता बिकता है शहर में'', सुना कर वाहवाही लूटी। गोष्ठी में जयप्रकाश भाटिया, मनोहरलाल कुमावत, रामनिवास नागर एवं देवीलाल दुलारा ने भी ने अपनी रचनाओं से काव्य गोष्ठी को ऊंचाईयां प्रदान की।


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