राज्यपाल हरी भाऊ बागड़े
का बयान हमारी संस्कृति को जड़ों से समाप्त करने की बहुत की कोशिश लेकिन हमारा आध्यात्म और विश्वास हीं हमारी संस्कृति को बचा पाया पाया
भीलवाड़ा : राजस्थान के राज्यपाल महामहिम हरिभाऊ बागड़े रविवार शाम वस्त्रनगरी भीलवाड़ा पहुंचे। जहां देर रात उन्होंने नगर माहेश्वरी सभा द्वारा आयोजित महेश नवमी महोत्सव के अवसर पर आयोजित कवि सम्मेलन के कार्यक्रम में भाग लिया। जहाँ उनका पारंपरिक रूप से स्वागत किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान महेश की वंदना एवं राष्ट्रगान के साथ हुई, साथ ही देश की सेना को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई।
जहां कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल बागड़े ने कहां की हमारे देश की सांस्कृतिक जड़ों पर कई बार सुनियोजित तरीके से हमले किए गए। हजार साल तक हमारी संस्कृति जड़ से समाप्त करने की कोशिश की गई। दूसरी कई संस्कृतिया मिट गई। उसके बावजूद हमारी संस्कृति को हमारी आस्था और विश्वास की वजह से कोई ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। रणकपुर के जैन मंदिर का जिक्र करते हुए राज्यपाल ने कहा कि मेने मंदिर देखा तो मुझे आश्चर्य हुआ ऐसा कौशल्य और कला आपको दूसरे देश में देखने को नहीं मिलेगी।
"महेश नवमी महोत्सव केवल एक पर्व नहीं, बल्कि माहेश्वरी समाज की समृद्ध ,सांस्कृतिक और औद्योगिक विरासत का प्रतीक है। यह समाज संख्या में भले ही सीमित हो, लेकिन देश और विदेश में अपनी औद्योगिक क्षमता और सामाजिक संगठितता के लिए विख्यात है। यदि भारत के सैकड़ों समाजों में से किसी एक को आर्थिक दृष्टि से सबसे सशक्त कहा जाए, तो वह माहेश्वरी समाज ही होगा।" माहेश्वरी "समाज के लोग न केवल व्यवसाय में अग्रणी हैं, बल्कि सार्वजनिक कार्यों में भी बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं। समाजिक भवनों का निर्माण और उपयोग एकजुटता की मिसाल है। यह समाज अपनी संस्कृति, एकता और सामाजिक सेवा के लिए पहचाना जाता है। उन्होंने कहा कि भीलवाड़ा में कॉटन इंडस्ट्री बहुत अच्छी है। राजस्थान प्रदेश के लोग अन्य प्रदेश व देशों में जाकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान का गौरव बढ़ाया है।
इस दौरान कार्यक्रम में शहर विधायक अशोक कोठारी, जनप्रतिनिधि प्रशांत मेवाड़ा, एडीएम प्रतिभा देवटिया, समाजसेवी रामपाल सोनी मौजूद रहे।
संबोधन-हरिभाऊ बागड़ी राज्यपाल राजस्थान
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