भीलवाड़ा की खरबूज की मिठास पूरे देश में है विख्यात, किसान नवाचार कर अच्छा कमा रहे हैं मेहनताना
भीलवाड़ा: भीलवाड़ा जिले के माण्डल क्षेत्र में रहने वाले होनहार प्रकृतिशील किसान ने इस बार आधुनिक नवाचार के साथ हाइब्रिड किस्म के खरबूज की खेती की है जिसकी मिठास पूरे देश में प्रसिद्ध है जहां खरीदार किसान के खेत से खरबूजा खरीद कर ले जा रहे हैं। जहा किसान ने अन्य किसानों से आह्वान करते हुए कहा कि कम पानी में सरकारी योजना का लाभ लेते हुए ड्रिप सिस्टम लगाए और उसमें मिल्चिग लगाकर अगर सब्जियों की खेती करेंगे तो अच्छा मेहनताना मिल सकता है।
भीलवाड़ा जिले के माण्डल क्षेत्र के चक्की चौराहे के पास स्थित किसान रामगोपाल पुरोहित वर्षों से हमेशा नवाचार के साथ अलग-अलग तरह की सब्जियों की खेती करते हैं किसान अपनी जमीन पर फलदार पौधे सहित ऋतु के अनुसार सब्जियों की फसल की बुवाई कर अच्छा मेहनताना कमा रहे हैं जहां इस बार किसान ने हाइब्रिड खरबूज की खेती की है जहां एक बीघे में 14 टन खरबूजे का उत्पादन हुआ है खरबूजा हाइब्रिड होने के कारण ऐसी मिठास है कि जो भी व्यक्ति इस खरबूज को खा लेता है वह तुरंत किसान के खेत पर ही खरबूज खरीदने पहुंच जाता है यहा तक की शादी पार्टी जैसे समारोह में भी खरबूज की स्टाल लगाने के लिए आर्डर दिए जाते हैं।
जहां होनहार किसान रामगोपाल पुरोहित ने कहा कि खरबूजे की खेती की प्रेरणा मुझे भीलवाड़ा कृषि व उद्यान विभाग से मिली है हमारे खेत पर पानी की कमी थी तो सरकारी योजना का लाभ लेते हुए ड्रिप सिस्टम लगाया क्योंकि ड्रिप सिस्टम से कम पानी में खरबूज- तरबूज व अन्य सब्जियों की खेती अच्छी होती है मेने जब यह जमीन खरीदी थी तब यह जमीन बंजर व उबड़-खाबड़ थी साथ ही जमीन पर काफी संख्या में बम्बुल उग रहे थे जिससे मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी कि इस जमीन को कैसे सुधारूंगा लेकिन कृषि विभाग के अधिकारियो ने मेरा मनोबल बढ़ाया उसी की बदौलत आज मैं लाखों रुपए का मेंहनताना कमा रह हूं। मुझे कृषि विभाग के अधिकारियों ने कहा कि अगर किसान ड्रिप सिस्टम और मल्चिंग सिस्टम के साथ खेती करेंगे तो अच्छा मेहनताना हो सकता है वही ड्रिप सिस्टम से कम पानी में अच्छी पैदावार होती है मल्चिंग लगाने से फसल व सब्जियों में खरपतवार नहीं होती है जिससे किसान को निराई- गुड़ाई के लिए समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है।
किसी अनुभव किये साजा- किसान ने कहा कि 25 बीघा जमीन में से मेने सबसे पहले तीन बीघा जमीन में ट्रैक्टर से हकाई- जुताई करने के बाद डोलिया बनाकर भीलवाड़ा कृषि केंद्र की दुकान से हाइब्रिड किस्म के खरबूजे का बीज खरीदा जिससे खरबूजे की वैल पर फल अच्छे लगे ओर फसल की अच्छी उपज हुई है किसान ने कहा की हाइब्रिड खरबूज लगाने के लिए थोड़ी मेहनत करने की जरूरत है अगर खलियान को सही करके हाइब्रिड खरबूज की ड्रिप सिस्टम से मल्चिंग लगाकर बीज की बुवाई करना ही सबसे अच्छा तरीका है । जनवरी लास्ट वीक में खेत की हकाई -जुताई करके उसमें बड़ी-बड़ी धोरिया बनाई उस धोरियों की ऊपरी हिस्से पर डोली पर मल्चिंग लगाकर खरबूज के पौधारोपण किया।
एक बीघे में खरबूजे की खेती के लिए सबसे अच्छा समय जनवरी महा है जनवरी महा के अंतिम सप्ताह मे बुवाई करने से महज 2 से ढाई महीने मे फसल खत्म हो जाती है एक बीघे में 200 ग्राम हाईब्रिड किस्म के बीज की जरूरत होती है 200 ग्राम बीज में 8000 बीज आते हैं उस खेत मे बनी धोरी जिसमे मल्चिंग लगी हो उसके ऊपरी हिस्से पर लगा देते हैं एक बेल पर डेढ़ किलो खरबूजा लगता है अप्रैल से मई में यह फसल खत्म हो जाती है महज दौ से ढाई महीने की फसल है इसमें प्रोडक्शन अच्छा होता है एक बेल पर डेढ़ किलो खरबूजे आने से एक बीगा जमीन में 14 टन खरबूजे का उत्पादन होता है।
महंगा बिकता है हाइब्रिड खरबूजा- किसान द्वारा नवाचार किये गये खरबूजे की मिठास ऐसी है कि यहां तोड़ने के बाद जो भी आमजन इस खरबूजे को खा लेता तो खरबूजा खरीदने की हिम्मत करता है इसी के चलते किसान के खरबूज खेत पर ही खरीदार आ रहे हैं विवाह समारोह में भी स्टॉल लगाने के लिए इस खरबूज का पहले आर्डर दिया जाता है। खरबूज के सीजन में अन्य खरबूजे जहा 10 से 15 रूपये प्रति किलो के हिसाब से बिकता है वहीं हाइब्रिड किस्म का सफेद धारी का यह खरबूजा शुरू में 30 से 35 रुपए प्रति किलो के भाव से बिकता है वहीं जब उत्पादन का पीक सीजन होता है उस समय 20 रूपये प्रति किलो के भाव से बिकता है। मेरे को प्रोडक्शन के अनुसार कभी बाहर बेचने व मंडी में बेचने की जरूरत नहीं है खरीदार खेत पर ही आते है।
मैं किसानों को यही प्रेरणा देना चाहता हूं कि जिस किसान के पास पानी की कमी है वह कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ लेते हुए खेत पर ड्रिप सिस्टम लगा ओर वक्त के अनुसार अच्छी उपज का खरबूजा व अन्य सब्जियों की खेती करें जिससे उनकी माली हालत भी सुधर जाएगी ।
किसान के बेटे अंकित पुरोहित ने कहा कि मेने वकालत की डिग्री कर रखी है लेकिन वकालत के साथ अब मैं खेती के काम में जुट गया हूं। मै मेरे पापा के काम में हाथ बटाता हूं इसमें अच्छा उत्पादन होता है। मैं युवाओं को यही संदेश देता हूं की पढ़ाई के साथ खेती पर भी ध्यान देना चाहिए जिससे अगर सरकारी नौकरी नहीं लगे तो यह परंपरागत खेती का काम कर सकें और काम करते वक्त आलस भी नहीं आएगा । वही मै नवाचार की खेती के लिए यूट्यूब के माध्यम से भी जानकारी लेता रहता हूं जिसकी बदौलत फसल कभी खराब नहीं होती है और अच्छा उत्पादन होता है।
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