विश्व कुश्ती चैंपियनशिप विजेता अश्वनी बिश्नोई का भीलवाड़ा में निकाला भव्य जुलूस, ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतना ही मेरा है लक्ष्य
भीलवाड़ा: भीलवाड़ा शहर की रहने वाली मजदूर की बेटी अश्वनी बिश्नोई ने एथेंस मे आयोजित हुई अंडर- 17 , 65 किलो मे वर्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है जिसके बाद सोमवार को अश्विनी बिश्नोई के भीलवाड़ा रेलवे स्टेशन पहुंचने के बाद शहर में विशाल जुलूस निकाला गया इस दौरान शहर वासियों ने पुष्प वर्षा कर भीलवाड़ा की लाडली बेटी का स्वागत किया जहां अश्वनी बिश्नोई ने कहा कि अब ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतना ही मेरा भविष्य का लक्ष्य है। अश्वनी बिश्नोई ने 2 साल में इंटरनेशनल लेवल पर पांच मेडल जीत चुकी है।
एथेंस में चल रही वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में भारत का गोल्ड मेडल से खाता खोलने का सौभाग्य वस्त्रनगरी भीलवाड़ा की दंगल गर्ल अश्वनी बिश्नोई को मिला है। अश्वनी बिश्नोई ने 65 किलो भार वर्ग में कजाकिस्तान की ख्यातनाम पहलवान को पटकनी दी। स्वर्ण पदक जीत अश्वनी बिश्नोई ने अपनी स्वर्णिम सफलता का सफर जारी रखा। 28 जुलाई से 4 अगस्त तक एथेंस में चल रही वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में भारतीय टीम में भीलवाड़ा की दो महिला पहलवान शामिल थी।
जहां अश्वनी विश्नोई को भीलवाड़ा शहर के उपनगर पुर में स्थित शिव व्यायाम साला के कोच कल्याण बिश्नोई व उनके पिता मुकेश बिश्नोई ही हमेशा अच्छा प्रशिक्षण दिया जहां व्यायाम शाला की कोच कल्याण बिश्नोई ने कहा कि अश्वनी ने पहले मुकाबले में अल्जीरिया की पहलवान को तकनीकी आधार पर 10-0 से हराया ,अगले मुकाबले में हंगरी की पहलवान को तकनीकी श्रेष्ठ के आधार पर 13-0 से हराकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया। क्वार्टर फाइनल में मगेलिया की पहलवान को 10-0 से हराकर चित किया और सेमीफाइनल मुकाबले में रशिया की पहलवान को 7-0 से हराया वहीं फाइनल मुकाबले में उज्वेकिस्तान की पहलवान मुखय्यो राखिम जोनोवो को तीन -जीरो से हराकर गोल्ड मेडल जीता है अश्वनी विश्नोई ने कुश्ती की शुरुआत वर्ष 2018 में की थी अश्वनी विश्नोई के पिता मुकेश बिश्नोई मील में मजदूर है वहीं माता गृहणी है जहां पिता मुकेश बिश्नोई का कहना है कि अश्वनी का आत्मविश्वास के कारण ही वह हमेशा आगे बढ़ रही है और मुझे यकीन था कि वह गोल्ड मेडल जीतकर आएगी।
जहा अश्वनी बिश्नोई ने कहा की मैं सभी देशवासियों का धन्यवाद देना चाहती हूं कि मुझे इतना प्यार व सम्मान दिया मुझे वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल मिला है यह गोल्ड मेडल एक साल पहले मेरे हाथ से निकल गया लेकिन इस बार मुझे गोल्ड मेडल जीता वही दुनिया का पहला ओलंपिक होने वाले एथेंस ग्रीस में यह प्रतियोगिता का आयोजन हुआ मैं खुद को भाग्यशाली मानती हूं उस जगह प्रतियोगिता का आयोजन हुआ यह मेरा भाग्य है इस 65 किलो वजनी कुश्ती प्रतियोगिता में 29 देशों ने भाग लिया था जिसमें से गोल्ड मेडल जीता है। भविष्य में मेरा सपना है कि यह मेरी पहली सीढ़ी है ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतू वही मै देश की दूसरी बेटियों को यही संदेश देना चाहती हूं कि पढ़ाई के साथ खेलकूद प्रतियोगिता भाग ले मुझे मेरे पिता व व्यायाम शाला के कोच का विशेष सहयोग मिला इसी कारण आगे बढी हूं वही मेरी बहनों को यही कहना चाहुगा की मजबूत रहे । लड़कियां लड़कों से कम नहीं है रविवार को मुख्यमंत्री से मिली थी मेडल जीतने के बाद उनका बहुत स्नेह था।
बाईट- अश्विनी बिश्नोई
गोल्ड मैडल विजेता
Social Plugin