भीलवाड़ा_ जिले के आसींद थाना क्षेत्र के लाछुड़ा गांव के रहने वाले गोपाल सिंह का परिवार गुजरात के नवसारी जिले में समुद्र की लहर में समा जाने के बाद गोपाल सिंह की पत्नी ,दो बेटे व भांजी की मौत हो गई थी जहां इन चारों के शव आज लाछुडा गांव में पहुंचने पर हर किसी की आंखें नम हो गई । जहां लाछुडा गांव के पास स्थित मोक्षधाम में दोनों भाई युवराज व देवराज का एक ही चिता में व मां सुशीला का अलग चिता में अंतिम संस्कार करने के साथ ही भाजी दुर्गा का अंतिम संस्कार पास ही 4 किलोमीटर दूर स्थित दूधिया गांव के मोक्ष धाम में किया गया।
गोपाल सिंह की पत्नी, दो बेटे व भांजी का शव आज गांव में पहुंचने पर हर किसी की आंखें नम हो गई जहां हजारों की तादात में नम आंखों से ग्रामीणों ने अंतिम विदाई दी । जहां ट्रैक्टर में मा सुशीला व दोनों बेटे युवराज व देवराज के शव रखकर अंतिम यात्रा मोक्ष धाम की तरफ प्रस्थान की जहा मोक्षधाम में दोनों भाइयों की एक ही चिता व मां की अलग चिता में अंतिम क्रिया संस्कार किया गया।
गौरतलब है की आसींद थाना क्षेत्र के लाछुडा गांव के रहने वाले गोपाल सिंह राजपूत विगत 15 साल से गुजरात के नवसारी जिले में किराना की दुकान लगाकर परिवार में भरण- पोषण का काम करते हैं जहां गोपाल सिंह का बड़ा बेटा उनके पैतक गांव लाछुड़ा अपने दादा-दादी व अंकल के पास रहता था। जहां गर्मी की छुट्टी में अपने माता-पिता के पास गया इस दौरान गोपाल सिंह व उनकी पत्नी सुशीला अपने दो बेटे व भांजी के साथ नवसारी जिले में दांडी नदी के पास समुद्र को निहारने गए इस दौरान अचानक लहर आने से गोपाल सिंह की पत्नी ,दौ बेटे व भांजी की मौत हो गई थी। जिनके शवों का सोमवार शाम पोस्टमार्टम हुआ उसके बाद शव लाछुडा गांव के लिए रवाना किये और आज अल सुबह इनके शव लाछुड़ा गांव पहुंचे जहा अंतिम क्रिया संस्कार किया गया।
गांव में नहीं जले चुल्हे - अचानक हुए हादसे के बाद जैसे ही इनके शव गुजरात के नवसारी जिले से आज लाछुडा गांव में पहुंचे तो हर किसी की आंखें नम हो गई और गांव में किसी के घर चुल्हे नहीं जले।
भांजी का अपने गांव में किया अंतिम संस्कार -गोपाल सिंह की भाजी का अंतिम संस्कार चार किलोमीटर दूर दूधिया गांव में किया गया जबकि गोपाल सिंह की पत्नी वह दोनों बेटे का अंतिम क्रिया संस्कार लाछुडा गांव में किया गया।
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