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कांस्टेबल बनने के सपने के साथ भीलवाड़ा आया परीक्षार्थी पहुंचा सलाखों के पीछे 


कांस्टेबल बनने के सपने के साथ भीलवाड़ा आया परीक्षार्थी पहुंचा सलाखों के पीछे 

भीलवाड़ा: कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2025 में आधुनिक संसाधन इस्तेमाल से डमी परीक्षार्थियों कि धरपकड़ में  रविवार को भीलवाड़ा पुलिस को सफलता मिली थी जिसको पुलिस महानिदेशक की टीम भी 3 माह से खोज रही थी। जहां भीलवाड़ा की कोतवाली थाना पुलिस ने डमी कैंडिडेट के खिलाफ जीरो नंबर की एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार करते हुए पूछताछ के लिए भरतपुर भेज दिया है।

एआई के जरिये बायोमैट्रिक फिंगरप्रिंट और फोटो मैच करने की तकनीकी ने साढे तीन महीने पहले डमी कैंडिडेट के रूप में परीक्षा दे चुके अभ्यर्थी को पहचान लिया है रविवार को भीलवाड़ा शहर में आयोजित हुई पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के तहत परीक्षा देने पहुंचे इस युवक को बायोमैट्रिक फिंगरप्रिंट और फोटो मैच के आधार पर पकड़ कर पूछताछ की गई तो सोमवार को खुलासा हो गया ।

जहां भीलवाड़ा एसपी धर्मेंद्र सिंह यादव ने कहा कि भीलवाड़ा शहर के सेठ मुरलीधर मानसिंहका गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पुलिस भर्ती परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्र पर धौलपुर जिले के बसेड़ी निवासी सुनील कुमार गुर्जर नाम के परीक्षार्थी को पूर्व में रहे डमी कैंडिडेट के रूप में हिरासत में लिया गया है बायोमेट्रिक्स कैप्चर और फोटो से पता चला कि सुनील कुमार गुर्जर ने कोटा वर्धमान ओपन यूनिवर्सिटी की ओर से गत 1 जून को आयोजित प्रि-डीएलएड परीक्षा में भरतपुर के बयाना तहसील के तरसुमा गांव निवासी दीपक कुमार पुत्र शंकर सिंह गुर्जर की जगह डमी कैंडिडेट बनकर भरतपुर में परीक्षा दी थी। अब भीलवाड़ा शहर के कोतवाली पुलिस द्वारा जीरो नंबर की एफआईआर दर्ज कर भरतपुर की मथुरा गेट थाने में भेजी जा रही है ओर सुनील से पूछताछ की जा रही है कि उसने पहले भी कभी किसी और के नाम से इस तरह डमी कैंडिडेट के रूप में परीक्षा तो नहीं दी थी या वह किसी की गिरोह का हिस्सा है।  पुलिस अब सुनील कुमार को परीक्षा में बिठाने वाले दीपक कुमार के खिलाफ भी कानूनी कारवाई करेगी।