मनरेगा नाम परिवर्तन पर पूर्व मंत्री का बयान मोदी सरकार चल रही है पुराने राज और मुगलों की परंपरा पर
भीलवाड़ा: भीलवाड़ा जिला देहात कांग्रेस जिला अध्यक्ष व पूर्व मंत्री रामलाल जाट की मौजूदगी में सोमवार को केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा के नाम परिवर्तन पर विरोध प्रदर्शन व जन संवाद किया इस दौरान पूर्व मंत्री रामलाल जाट ने कहा कि मोदी सरकार पुरानी राज और मुगलों की परंपरा पर चल रही है अरावली के लिए जो नया नियम आया है उसके तहत सरिस्का में बंद पड़ी माइंसों को खोलने का काम किया जा रहा हैं।
केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा का नाम बदलने के विरोध में सोमवार को भीलवाड़ा देहांत कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष व पूर्व मंत्री रामलाल जाट के नेतृत्व में भीलवाड़ा शहर के सूचना केंद्र चौराहे पर जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया इस दौरान लघु नाटक का मंचन कर मनरेगा की पूर्व योजनाओं के बारे में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया।
इस दौरान पूर्व मंत्री और भीलवाड़ा देहात कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रामलाल जाट ने प्रेस से मुखातिब होते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना में केवल नाम ही नहीं बदला बल्कि गांधी के विचारों से भी दूरी की जा रही है यह लोकतंत्र पर सीधा हमला है । मनरेगा रोजगार योजना से सीधा-सीधा रोजगार मिल रहा है पहले मनरेगा का एक्शन प्लान ग्राम पंचायत बनाती थी जबकि वर्तमान कानून से ग्राम पंचायत से इनका अधिकार छीन लिया कांग्रेस पार्टी संवैधानिक तरीके से इस मुद्दे पर आम जन के बीच जा रही है हम इन विचारों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं नए कानून के साथ अब मनरेगा के सारे अधिकार भारत सरकार के पास चले जाएंगे। केंद्र सरकार को इस कानून में बदलाव से पहले देश के अन्य प्रदेशों के मुख्यमंत्री और ग्रामीण विकास मंत्री से चर्चा करनी चाहिए फिर बदलाव करना चाहिए पहले धरातल पर काम करने के लिए ग्राम पंचायत का अधिकार था अब मनरेगा के नए नियम के तहत भारत सरकार नियम मनाएगी उसी के तहत काम होगा। इस दौरान पूर्व मंत्री ने केंद्र की एनडीए सरकार पर जुबानी हमला बोलते हुए कहा की पुरानी राज परंपरा और मुगलों की परंपरा पर मोदी सरकार चल रही है सरकार को इस पर विचार करके इस कानून को वापस लेना चाहिए यह आमजन की भावना है ।
वहीं अरावली को लेकर प्रदेश के पूर्व वन एवं पर्यावरण मंत्री रामलाल जाट ने कहा कि अरावली को लेकर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को पूछना चाहिए कि उन्ही के सरिस्का अभ्यारण में वर्ष 2010 में माइनिंग बंद होने के बाद इस इशू की शुरुआत हुई थी। राज्य सरकार ने वर्ष 2010 में हमने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था कि एनवायरनमेंट विशेषज्ञ चाह रहे है उन्ही के अनुरूपी कार्य होना चाहिए क्योंकि एनवायरमेन्ट विशेषज्ञ उनके लिए काम नहीं कर रहे हैं वह दुनिया के लिए काम कर रहे हैं। पूरी दुनिया पर्यावरण बचाने के लिए काम कर रही है में जब पर्यावरण मंत्री था उनके कही तरह के फैसले हुए उसको खोलने का काम किया जा रहा है तभी तो अरावली के लिए रिकॉर्ड ली चीज हैं उसको खत्म कर रहे हैं पर्यावरण बचेगा तो देश बचेगा मनरेगा की योजना के तहत इस को ठीक किया जा सकता है मनरेगा योजना अरावली आपस में एक सिक्के के दो पहलू है वही सरिस्का में बंद माइंसों को खोलने का काम कर रहे हैं।


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