गिवअप अभियान के तहत गरीबों का निवाला छोड़ने में भीलवाड़ा प्रदेश में प्रथम स्थान पर , 1 लाख 47000 लोगों ने थोड़ा गरीबों का निवाला
भीलवाड़ा: खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की ओर से प्रदेश भर में गिवअप अभियान चलाया जा रहा है जहां भीलवाड़ा जिले में 1 लाख 47000 लोगों ने गिव अप अभियान के तहत स्वेच्छा से खाद्य सुरक्षा अभियान से गिव अप किया है जिसके कारण भीलवाड़ा प्रदेश भर में पहले पायदान पर है यह अभियान अब 31 अक्टूबर तक चलाया जाएगा जिसमें सक्षम लोगों द्वारा गरीबों के निवाले का त्याग किया जा रहा है।
जहा भीलवाड़ा जिला कलेक्टर जसमीत सिंह संधू ने कहा कि भारत सरकार व राजस्थान सरकार की ओर से प्रदेश भर में 31 अक्टूबर तक गिव अप अभियान चलाया जा रहा है जहां इस अभियान की सफलता में भीलवाड़ा प्रदेश में पहले पायदान पर है। अभियान में भीलवाड़ा जिले की सबसे बड़ी उपलब्धि रही है भीलवाड़ा जिले में 1 लाख 47000 यूनिट एनएफएसए की सूची में थे वो नाम हटे हैं जिससे नए पात्र नाम जोड़ने कबायद शुरू हुई है जिसके कारण भीलवाड़ा जिला राजस्थान में पहले पायदान पर है। गिव अप अभियान की सफलता के लिए भीलवाड़ा जिला प्रशासन की ओर से एक रणनीति बनाई गई जिसमें सबसे पहले तीन प्रकार की सूचिया बनाई थी पहली सूची में उन लोगों को सम्मिलित किया गया जो दो व तीन वर्ष से राशन सामग्री नहीं ले रहे थे , दूसरी सूची में हाई इनकम ग्रुप , तीसरी सूची में म्रत, पलायन और दूसरे तरह के केस हमारे सामने आए थे ऐसे मे तीनों कैटेगरी में वेरिफिकेशन के लिए भेजी गई तीनों कैटेगरी के वेरिफिकेशन के बाद 1 लाख 47 हजार यूनिट्स को हटा पाए है इसमें प्रमुखता से कई लोगों को सरकार के निर्देश दिए थे अगर कट ऑफ तारीख तक अपना नाम स्वत कटवाना होगा नहीं तो उनके खिलाफ भी कारवाई की जाएगी वही डी डुप्लीकेशन का प्रोसेस भी किया गया डी डुप्लीकेशन प्रक्रिया से हमारे सामने कितने लोगों का मल्टीप्ल राशन कार्ड है डुप्लीकेट राशन कार्ड उनकी जानकारी सामने आने पर उनके नाम भी हटाये गये। प्रदेश में भीलवाड़ा पहले पायदान पर है आगे भी हम ऐसी कारवाई करते रहेंगे जिससे और पात्र लोगों को इसमें जोड़ा जा सके वहीं भीलवाड़ा जिला कलेक्टर जसवीत सिंह संधू ने भीलवाड़ा जिले वासियों से अपील करते हुए कहा कि राज्य सरकार के अनुसार निर्धारित गाइडलाइन के अनुसार एनएफएसए के पात्र परिवार गिव अप अभियान के तहत अपना नाम जुड़वाईये हटवाइए अभियान का समय खत्म होता तो आपके खिलाफ आइडेंटिफिकेशन करके आगे की कारवाई राज्य सरकार के निर्देश पर की जाएगी।


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