ज्ञानगढ़ के ईश्वर गुर्जर की सिविल सेवा टेस्ट में 644वीं रैंक

 

कहते हैं प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती दिल में अगर कुछ करने की लगन हो कोई भी परिस्थिति आपकी राह की रुकावट नहीं बन सकती। ऐसा ही कर दिखाया करेड़ा तहसील क्षेत्र के एक युवा ने जिसने ऑल इंडिया यूपीएससी परीक्षा में अपनी ही मेहनत के दम पर 644 वीं हासिल की है।

भीलवाड़ा जागरूकजिले के करेड़ा तहसील क्षेत्र के ज्ञानगढ़ ग्रामपंचायत के भांबरा का बाड़िया निवासी ईश्वर गुर्जर का सिविल सेवा 2022 में चयन हुआ है। गुर्जर अभी ज्ञानगढ़ पंचायत के ही राजकीय प्राथमिक विद्यालय रूपपुरा में तृतीय श्रेणी शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं। जिनको अपनी कड़ी मेहनत के दम पर यूपीएससी परिणाम में ऑल इंडिया 644वीं रैंक मिली। ईश्वर किसान परिवार से हैं जिनके पिता सुवालाल गुर्जर गांव में ही खेती बाड़ी करते हैं। 



10वीं बोर्ड परीक्षा में रहे अनुत्तीर्ण-
ईश्वर वर्ष 2011 में दसवीं कक्षा की परीक्षा में फेल हाे गए ताे पहले पढ़ाई छाेड़ने का मन बनाया। इसके बाद ओपन यूनिवर्सिटी से परीक्षा देने पर विचार किया। इस पर किसान पिता सुवालाल ने कहा, इतनी जल्दी पढ़ाई से घबराने की जरुरत नहीं है। एक बार फेल हाेना काेई बड़ी बात नहीं है। इसके बाद ईश्वर ने दसवीं में फिर एडमिशन लेकर एग्जाम दिया ताे 2012 में 54 प्रतिशत से पास हुए। इसके बाद ज्ञानगढ़ में ही 12वीं कक्षा 68 फीसदी से पास हुए। 12वीं के बाद रेगुलर पढ़ाई नहीं की और एमडीएस यूनिवर्सिटी अजमेर से प्राइवेट बीए पास किया। 2019 में ग्रेड थर्ड शिक्षक बने और रूपपुरा में पाेस्टिंग मिली।

 ज्ञानगढ़ के ही रहने वाले व उनके साले महेंद्रपाल गुर्जर जाे हिमाचल कैडर के आईएएस और कलेक्ट्रेट में डीआरए नाथूराम गुर्जर जाे उनके ससुर हैं, उनका भी खूब सहयाेग मिला। 



सेल्फ कोचिंग कर पाई सफलता-
ईश्वर ने बताया कि यूपीएससी की सेल्फ काेचिंग की।  पिताजी हमेशा मोटिवेट करते  "घबराना नहीं, एक बार फेल हाेना काेई असफलता नहीं है। मैंने भी उसे मानते हुए आगे पढ़ाई जारी रखी।"


जिससे दो बार प्री में फेल, एक बार इंटरव्यू में फेल होने के बाद भी हौंसला काम नहीं हुआ।  और चौथे अटैम्प में सफलता मिल गई। अब ऑल इंडिया 644वीं रैंक मिली है। अभी भी अच्छी रैंक के लिए 2023 के एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं।