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गीता हर युग और हर व्यक्ति के लिए जीवन की अंतिम मार्गदर्शिका है: स्वामी अनंतदेव


रामधाम में श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ मनाया गीता जयंती का उत्सव


रामधाम में गूँजी गीता की दिव्य वाणी, मोक्षदा एकादशी पर संतों ने दिया जीवन-सार का उद्घोष

 भीलवाडा। (पंकज पोरवाल)
श्री रामधाम रामायण मंडल ट्रस्ट की ओर से शहर के रामधाम में सोमवार को मोक्षदा एकादशी के पावन पर्व पर गीता जयंती का उत्सव बड़े ही श्रद्धा और भक्तिभाव के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में देश-प्रदेश के सिद्ध विरक्त संतों ने अपनी दिव्य वाणी से भक्तों का मार्गदर्शन किया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण स्वामी अनन्तदेव महाराज का प्रवचन रहा, जिन्होंने श्रीमद्भागवत गीता के सार को सरल शब्दों में समझाया। उन्होंने कहा, गीता हर युग और हर व्यक्ति के लिए जीवन की अंतिम मार्गदर्शिका है। हमें इसके उपदेशों को केवल सुनना नहीं, बल्कि जीवन में धारण करना चाहिए। संतों के अमृतमय उद्बोधन कार्यक्रम की शुरुआत गीता मनीषी प्रोफेसर महावीर भट्ट द्वारा किए गए अखंड गीता पाठ से हुई, जिसके बाद महाआरती हुई और संतों के प्रवचन शुरू हुए। स्वामी अनन्तदेव ने कहा की श्रीमद्भगवद्गीता केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं है, बल्कि स्वयं भगवान श्रीकृष्ण का साक्षात् उपदेश है। यह ज्ञान मनुष्य को कर्म करने की प्रेरणा देता है, फल की चिंता से मुक्त करता है और उसे मोक्ष की ओर ले जाता है। जीवन की हर उलझन का समाधान गीता में छिपा है। स्वामी मितयानन्द महाराज (बंगाली बाबा) ने अपने आशीर्वचन में भक्तों को कर्मयोग का महत्व समझाया। उन्होंने कहा, जीवन को साधने के लिए ईमानदार व्यवहार और निस्वार्थ कर्म आवश्यक हैं। गीता हमें सिखाती है कि हम अपने जीवन-व्यवहार में अभिनय नहीं, बल्कि आत्म-साक्षात्कार करें। संत लक्ष्मणानन्द गिरी महाराज ने भक्ति और समर्पण पर जोर दिया। उन्होंने कहा, भक्त वही है जो स्वयं को अहंकार से मुक्त कर ईश्वर के प्रति समर्पित कर दे। मन की एकाग्रता ही हमें सही मार्ग दिखाती है और भगवान की कृपा प्राप्त करने का एकमात्र उपाय है। संत जसवीत सिंह महाराज ने जीवन में साहस और धर्म के महत्व को बताया। उन्होंने कहा, हमें भय को त्याग कर सत्य और धर्म के मार्ग पर डटे रहना चाहिए। भगवान हमेशा उन्हीं की मदद करते हैं जो धर्म के लिए संघर्ष करते हैं, ठीक वैसे ही जैसे उन्होंने कुरुक्षेत्र में अर्जुन का साथ दिया। ट्रस्ट के प्रवक्ता गोविन्द प्रसाद सोडानी ने बताया कि गीता पाठ रामधाम में नियमित जारी रहेगा। कार्यक्रम में दामोदर अग्रवाल, प्रोफेसर जगदीश भदादा, कन्हैया लाल मुंदड़ा, शान्तिलाल पोरवाल, वीणा मानसिंहका का सहयोग रहा। इस पावन अवसर पर रामधाम में देवाधिदेव महादेव का दूध से विशेष अभिषेक किया गया, जिससे समूचा वातावरण भक्तिमय हो उठा। ट्रस्ट के प्रवक्ता गोविन्द प्रसाद सोडाणी ने बताया कि भक्तों ने इस दिव्य आयोजन में पधारकर गीता जयंती के ज्ञान को ग्रहण किया और संतों का आशीर्वाद लिया। श्री रामधाम रामायण मंडल ट्रस्ट के अध्यक्ष सूर्य प्रकाश मानसिंहका व सचिव अभिषेक अग्रवाल ने सभी उपस्थित संतों और भक्तों के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में धर्मप्रेमी बंधु उपस्थित रहे और गीता के इस अमर ज्ञान को सुनकर स्वयं को धन्य महसूस किया। 28 फ़रवरी को वृन्दावन में स्वामी वामदेव महाराज की जन्म शताब्दी आनंद महोत्सव के रूप में मनाई जाएगी। स्वामी अनन्तदेव के सानिध्य में होने वाले कार्यक्रम में 300 संतों का समागम होगा।