संगीत आदमी को मानसिक व शारीरिक शांति के साथ रोगों से दूर भी रखता है : त्रिलोक चंद छाबड़ा
27वें सप्ताह आयोजित हुई विशेष संगीत गोष्ठी, यह दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे गाकर किया धर्मेन्द्रमय माहौल
भीलवाडा। (पंकज पोरवाल) शहर के संगीत प्रेमी मित्रों की ओर से बॉलीवुड के ही-मैन सुपरस्टार दिवंगत फिल्म अभिनेता धर्मेंद्र को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए एक विशेष संगीत गोष्ठी का आयोजन किया गया। इन संगीत प्रेमियों ने अपने मधुर स्वरों से ही-मैन धर्मेंद्र पर फिल्माए गए गीतों को गाकर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि समर्पित की। रेखा कोठारी ने बताया कि यह संगीत गोष्ठी पिछले 27 हफ्तों से लगातार प्रत्येक रविवार को अनवरत रूप से चल रही है। इसमें सभी संगीत प्रेमी मित्र अपने-अपने गीतों को गाकर संगीत का आनंद लेते हैं। कार्यक्रम का शुभारंभ आरसीएम के तिलोकचंद छाबड़ा, राजस्थानी स्पिनिंग एंड विंग्स के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट विनोद मेहता एवं मुकेश कोठारी ने द्वीप प्रज्वलित कर प्रभु स्तुति के साथ किया। इस संगीत गोष्ठी में 25 से अधिक धर्मेंद्र पर फिल्माए गए गीतों पर स्वर देकर श्रद्धांजलि दी गई। मुख्य अतिथि त्रिलोक चंद छाबड़ा ने बताया कि संगीत आदमी को मानसिक व शारीरिक शांति के साथ रोगों से दूर भी रखता है। मुकेश कोठारी ने बताया की संगीत ध्यान का सर्वश्रेष्ठ साधन है जिसमें आदमी हर समय आनंदित रहता है। धर्मेंद्र को दी श्रद्धांजलि में श्याम बिरला ने में या जट यमला पगला दीवाना... संजीव लोढ़ा ने रफ्ता रफ्ता देखो.. हितेंद्र सोमानी ने ड्रीम गर्ल किसी शायर की गजल.. राजेंद्र टावरी ने.. यह दिन तुम बिन कहीं लगता नहीं... तो सुभाष चुग ..आज मौसम बड़ा बेईमान है, दीपक मिश्रा ने बहारों ने मेरा चमन लुट कर... मुकेश पटौदी में कहीं कवि ना बन जाऊं... सुनील दाधीच ना जा कहीं अब ना जा तो पुखराज सोनी हम बेवफा हरगिज़ न थे.. दीपक मिश्रा साथिया नहीं जाना.. सूरज सक्सैना य दिल है मोहब्बत का प्यासा ...संजय मिश्रा मुझको इस रात की तन्हाई में आवाज़ ना दो.. तो अजय मूंदड़ा तुम्हें जिंदगी के उजाले मुबारक.. वीणा मोदी ने मैं तेरे इश्क में.. तो मनमोहन सोनी ने ओ मेरी महबूबा.. कृष्णा लढा मिलती है जिंदगी में मोहब्बत कभी-कभी.. पुरुषोत्तम नथरानी यह रात यह चांदनी फिर कहां ...अशोक अजमेरा प्यार के इस खेल में... डॉक्टर कैलाश काबरा गाड़ी बुला रही है सीटी बजा रही है... तो डॉक्टर सुभाष सिंघल आपके हसीन रूप पर... रतन खोईवाल ने नागिन सा रूप तेरा राजेंद्र सुराणा ने झिलमिल सितारों का आंगन होगा सुरेश नाथ रानी ने पहला नशा पहला खुमार आदि सदाबहार गानों की प्रस्तुतियां देकर खूब वाहवाही बटोरी। सभी आए हुए श्रोताओं ने इस कार्यक्रम की प्रशंसा की। इस प्रकार उक से बढकर एक प्रस्तुतियां देकर माहौल को धर्मेंद्रमय बना दिया। अंत में सभी ने एक साथ उनका सदाबहार दोस्ती का गीत यह दोस्ती हम नहीं तोडेंगे छोड़ेंगे मगर तेरा साथ ना तोड़ेंगे करके कार्यक्रम का समापन किया। कार्यक्रम का संचालन अजय मूंदड़ा एवं पुखराज सोनी ने किया।


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