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सेवाश्रम पुनर्वास गृह में दिव्यांग बच्चों ने दिया प्रेम और सद्भाव का विशेष संदेश



बच्चो ने हीलियम गुब्बारे उड़ाकर और जंगल थीम पर केक काटकर मनाया बाल दिवस


 भीलवाडा। (पंकज पोरवाल)
बाल दिवस के उपलक्ष में सेवाश्रम बौद्धिक दिव्यांग पुनर्वास गृह एवं विशेष विद्यालय में एक यादगार और प्रेरणादायक उत्सव का आयोजन किया गया। विशेष बच्चों की खुशी इस दौरान देखते ही बन रही थी जब उन्होंने सामूहिक रूप से हीलियम से भरे रंग-बिरंगे गुब्बारे आसमान में छोड़े और जंगल थीम पर बने केक को काटा। बाल दिवस समारोह की शुरुआत में सभी बच्चों को विशेष बच्चों पर आधारित प्रेरणादायक फिल्म सितारे ज़मीन पर प्रोजेक्टर के माध्यम से दिखाई गई। अध्यापकों ने फिल्म के माध्यम से दिए गए महत्वपूर्ण संदेश को समझाया। इस फिल्म के संदेश पर ज़ोर देते हुए बताया गया कि ये विशेष बच्चे ईर्ष्या, द्वेष या नफरत नहीं रखते। ये सिर्फ प्यार के भूखे होते हैं और इन्हें हार-जीत से कोई मतलब नहीं होता। प्रतिस्पर्धा में हारने पर भी ये जीत का जश्न मनाते हैं, जिससे आम इंसान भी बहुत कुछ सीख सकते हैं। शिक्षकों ने पूरे विद्यालय को आकर्षक जंगल थीम पर सजाया, जहां चाचा नेहरू के पोस्टर और बच्चों के लिए विशेष संदेश अंकित थे। प्रधानाचार्य आशा काबरा ने बच्चों को बाल दिवस के महत्व और भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जीवनी के बारे में जानकारी दी। पुनर्वास गृह के एक बच्चे को चाचा नेहरू की वेशभूषा में तैयार किया गया, जिसने सबका ध्यान आकर्षित किया। बच्चों ने गेम्स खेले और खूब मस्ती से डांस कर मनोरंजन के साथ उत्सव मनाया। कार्यक्रम की संपूर्ण व्यवस्था विद्यालय के अध्यापक निहारिका तोषनीवाल, विनीता चौधरी, अपर्णा और कोषाध्यक्ष प्रेमलता ओझा द्वारा की गई। अध्यापकों द्वारा बच्चों को सुंदर गिफ्ट दिए गए, जिसमें उनकी फोटो, चॉकलेट्स और बाल दिवस का संदेश अंकित था। इस अवसर पर रामपत फाउंडेशन के 10 सदस्यों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जिनका सेवाश्रम विद्यालय परिवार द्वारा ऊपर्णा ओढ़ाकर स्वागत और उपहार भेंट कर सम्मान किया गया। कार्यकारिणी सदस्य विभा जैन और सचिव गिरीश अग्रवाल भी इस विशेष मौके पर मौजूद रहे।