चांदगढ़ गांव में बनास बचाओ संघर्ष समिति का धरना 30वें दिन भी जारी
धरना स्थल पर लगे "विधायक जी! बजरी की दलाली लेना बंद करो! के जमकर नारे" , पुर्व में बनास नदी बचाने के लिए किया हवन
भीलवाडा। (पंकज पोरवाल) जिले के आकोला कस्बे के निकटवर्ती चांदगढ़ गांव में बनास बचाओ संघर्ष समिति का धरना बनास नदी में अवैध बजरी खनन के विरोध में चल रहा है। यह आंदोलन पिछले कई दिनों से जारी है। आंदोलन ने मंगलवार को 30वें दिन और अधिक उग्र रूप में दिखा। अवैध खनन, बजरी माफिया और जिम्मेदार अधिकारियों की लगातार चुप्पी से नाराज ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और स्थानीय विधायक गोपाल लाल खंडेलवाल का पुतला जलाकर जोरदार विरोध दर्ज कराया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पिछले एक महीने से लगातार धरना चल रहा है, लेकिन न तो प्रशासन मौके पर पहुंच रहा है और न ही अवैध खनन रोकने की कोई कार्रवाई की जा रही है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्रशासन, पुलिस और माइनिंग विभाग मिलकर माफियाओं को खुली छूट दे रहे हैं। धरना स्थल पर जमकर नारे लगे "विधायक जी! बजरी की दलाली लेना बंद करो!" "स्थानीय पुलिस प्रशासन-रेत की दलाली छोड़ो!" "माफिया-प्रशासन गठजोड़ मुर्दाबाद!" प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक अवैध खनन बंद नहीं होगा और जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होगी, तब तक आंदोलन को और तेज किया जाएगा। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि आने वाले दिनों में बड़ा जनआंदोलन खड़ा किया जाएगा और जिलेभर में प्रदर्शन का दायरा बढ़ाया जाएगा।
इससे पुर्व बनास नदी बचाने के लिए किया हवन
बजरी लीज धारक के खिलाफ जारी जनआंदोलन मे 22वें दिन सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में महापंचायत हुई। इसमें सैकड़ों लोग दूर-दराज़ गांवों से एकजुट होकर पहुंचे। सरकार को जगाने और प्रशासन को उसकी जवाबदेही तय करवाने के उद्देश्य से विशेष सद्बुद्धि हवन का कार्यक्रम रखा गया। पंडित रामलाल शर्मा द्वारा विधि-विधान से सम्पन्न इस हवन में प्रदेश में बढ़ती अवैध गतिविधियों को रोकने और तुरंत संज्ञान लेने की प्रार्थना की गई।


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